लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की आज यानी मंगलवार को जेल से रिहाई हो गई है। आशीष मिश्रा की रिहाई पर किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें 10 फरवरी को जमानत दी थी, जिसके बाद आज वह जेल से बाहर आ गए हैं।
वहीं, किसान आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा राकेश टिकैत और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता, जो एसकेएम का हिस्सा है, ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा पर भी निशाना साधा है।
टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, “पूरे देश और पूरी दुनिया ने अजय ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा के सबसे कुख्यात लखीमपुर खीरी प्रकरण को देखा, जिन्होंने एक जघन्य अपराध करने के बावजूद तीन महीने के भीतर जमानत ले ली। हर कोई इसे देख रहा है और वह आज जेल से बाहर निकलेगा।' आशीष के जेल से बाहर आने को लेकर एसकेएम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दी है। आशीष मिश्रा लखीमपुर जेल में बंद हैं। आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है। आशीष मिश्रा को घटना के 6 दिन बाद 9 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस पूरे मामले की जांच एसआईटी के हवाले है। जांच में पाया गया था कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी बताया गया था। एसआईटी की ओर से कुल 16 लोगों को इस घटना का आरोपी बनाया गया।