महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर पुराने रिश्तों की गरमाहट लौटने की उम्मीद जगी है। हालिया घटनाक्रम के अनुसार ठाकरे परिवार के एकजुट होने की संभावनाएं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच संभावित सुलह की संभावना का स्वागत किया।
फडणवीस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "यदि दोनों साथ आते हैं तो हमें इस बात पर खुशी होगी। अगर लोग अपने मतभेद सुलझा लेते हैं, तो यह अच्छी बात है। मैं इसके बारे में और क्या कह सकता हूं?"
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी राज ठाकरे के हालिया बयान के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने पूर्व मतभेदों को भुलाकर उद्धव ठाकरे के साथ फिर से गठबंधन की इच्छा जताई थी। इस पर उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक रुख दिखाया और कहा कि वह मराठी भाषा और महाराष्ट्र के हित में किसी भी विवाद को भुलाने को तैयार हैं।
उन्होंने अपनी पार्टी की ट्रेड यूनियन इकाई भारतीय कामगार सेना के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं सभी मराठी लोगों से महाराष्ट्र और मराठी के लाभ के लिए एक साथ आने की अपील करता हूं।"
उद्धव ठाकरे ने यह भी उल्लेख किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र से गुजरात की ओर जा रहे उद्योगों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर राज ठाकरे ने उस समय इस मुद्दे पर विरोध जताया होता, तो आज केंद्र में जो सरकार है, वह सत्ता में नहीं होती। उन्होंने कहा, "हम ऐसी सरकार बनाते जो केंद्र और राज्य दोनों जगह महाराष्ट्र के कल्याण के बारे में सोचती।"
संजय राउत ने यह भी बताया कि उद्धव और राज ठाकरे दोनों एक-दूसरे के प्रति पुराने गिले-शिकवे खत्म करने को तैयार हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे की शर्त का हवाला देते हुए कहा कि राज ठाकरे को अपने घर में महाराष्ट्र और शिवसेना (यूबीटी) के दुश्मनों को जगह नहीं देनी चाहिए।
राउत ने कहा, "राज ठाकरे ने कहा है कि अगर दोनों भाइयों के बीच कोई मनमुटाव है तो मैं अपने अहंकार को एक तरफ रखूंगा और महाराष्ट्र के हित के लिए उसे दूर करूंगा। जिस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम भाई हैं और हमारे बीच कोई द्वेष नहीं है; यदि कोई हैं, तो मैं उन्हें हटा दूंगा। हालांकि, आपको अपने घर में महाराष्ट्र और शिवसेना (यूबीटी) के दुश्मन को जगह नहीं देनी चाहिए... यदि आप इस पर सहमत हैं, तो हम निश्चित रूप से बात करेंगे।"
हालांकि, शिवसेना के ही सांसद नरेश म्हास्के ने इस संभावित भरत मिलाप को लेकर पुराने विवादों को सामने रखा। उन्होंने सवाल किया कि उद्धव ठाकरे ने अतीत में राज ठाकरे के खिलाफ जिस तरह का रुख अपनाया था, उसकी आज क्या सफाई दी जाएगी। म्हास्के ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने धमकी दी थी कि अगर राज ठाकरे को कोई जिम्मेदारी दी गई तो वह घर छोड़ देंगे। उन्होंने राज ठाकरे के मुंबई में शाखाओं के दौरे का विरोध किया। उन्होंने राज ठाकरे के लिए काम करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को अलग कर दिया... उन्हें पहले जवाब देना चाहिए कि उन्होंने राज ठाकरे का विरोध क्यों किया।"
यह सारा घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है। जब इस साल अक्टूबर में मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं। बीएमसी महाराष्ट्र की राजनीति का सबसे महत्वपूर्ण स्थानीय निकाय है और लंबे समय तक शिवसेना का गढ़ रहा है।