भगवान हनुमान को दलित बताने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि भगवान को जातियों में बांटना गलत है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शामली जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने विवादित बयान देने के लिए अपनी ही सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि भगवान को जातियों में बांटना गलत है और इसी विवाद की वजह से दलित समुदाय अब हनुमान मंदिरों को अपने अधिकार में लेने की मांग कर रहा है।
इससे पहले ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि पहले ऊंच-नीच का भेदभाव पैदा कर इंसानों को बांटा गया। अब भगवान की भी जाति तय की जाने लगी है। अगर भगवान हनुमान दलित हैं तो शंकर, विष्णु व अन्य देवताओं की जाति भी बताई जाए।
उन्होंने कहा कि बजरंग दल, शिवसेना व विश्वहिंदू परिषद संगठन संविधान विरोधी हैं। यह संगठन सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में मंदिर प्रकरण चल रहा है और बजरंग दल, शिवसेना व विश्व हिंदू परिषद मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम चुनाव के समय ही याद आते हैं। वर्ष 2014 का चुनाव होने के बाद राम भुला दिए गए थे। अब फिर याद आने लगे हैं।
सीएम योगी का बयान
पिछले हफ्ते राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने बयान दिया था। सीएम योगी कहा कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे।
...तब दलितों को पुजारी नियुक्त करें: चंद्रशेखर
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने रविवार को कहा था कि समुदाय के सदस्यों को देश के सभी हनुमान मंदिरों को अपने अधिकार में ले लेना चाहिए और वहां दलितों को पुजारी नियुक्त कर देना चाहिए।