लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी अभियानों के जरिए पार्टियां एक दूसरे को घेर रही हैं। इन चुनावी अभियानों में ऐसे नारे इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिनसे जनता तक सीधा संदेश दिया जा सके। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया, जिसके जवाब में भाजपा ने 'मैं भी चौकीदार' अभियान छेड़ दिया। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया। अब कांग्रेस इसकी काट ढूंढ कर लाई है। यूथ कांग्रेस ने इसके जवाब में ‘मैं भी बेरोजगार’ अभियान शुरू किया है। देखना यह है कि नारेबाजी के शक्ल में शुरू हुए इन अभियानों का कितना असर लोगों पर पड़ता है।
'युवाओं को जागरुक करना है मकसद'
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी (सोशल मीडिया) वैभव वालिया ने बताया, 'सोशल मीडिया पर शनिवार को हमने 'मैं भी बेरोजगार' अभियान शुरू किया जिसको लेकर कुछ घंटों के भीतर ट्विटर पर एक लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट किए हैं।'
उन्होंने कहा, 'इस अभियान का मकसद लोगों खासकर युवाओं को इस बारे में जागरूक करना है कि इस सरकार में रोजगार को लेकर कुछ नहीं हुआ। सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।' वालिया ने कहा, 'कई रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि नए रोजगार पैदा होने की बजाय इस सरकार में नौकरियां खत्म हो गईं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री और मंत्रियों के स्तर पर पकौड़े तलने और चौकीदार बनने की बात हो रही है।'
नए वोटरों को लुभाने की कोशिश
इससे पहले कांग्रेस में शामिल हो चुके गुजरात के नेता हार्दिक पटेल ने ट्विटर में अपने नाम के आगे ‘बेरोजगार’ जोड़ लिया था। ज्यादातर युवा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया पर इन अभियानों के माध्यम से उन्हें साधने की कोशिश में हैं। एक बड़ा वर्ग है जो पहली बार वोट करने जा रहा है। देखना है कि उनके मन में ये अभियान कितनी पैठ बना पाते हैं।