पुखरायां में रेल दुर्घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मायावती ने संसद भवन परिसर में कहा, ये जो कुछ कल हुआ है, वह केंद्र की वर्तमान सरकार द्वारा रेल पटरियों पर ध्यान नहीं देने की वजह से हुआ है। मैं इसके लिए रेल मंत्री को नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की पूंजीवादी सोच और कार्यशैली को जिम्मेदार मानती हूं।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा के नेतृत्व में केंद्र में राजग सरकार बनी तब मैंने कहा था कि अब गरीब, मेहनतकश, मध्यमवर्ग की हालत बहुत खराब होने वाली है। बीच-बीच में मोदी सरकार ने जनहित के नाम पर कई फैसले लिए लेकिन जनहित की आड़ में अपने चहेते पूंजीपतियों और धन्नासेठों को फायदा पहुंचाया। बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार ने बुलेट ट्रेन चलाने का फैसला किया और उस पर अरबों-खरबों रुपये खर्च कर रहे हैं लेकिन रेल आधारभूत संरचना, पटरियों आदि के रख-रखाव और मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि यह बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई तक चलाई जाएगी। अहमदाबाद गुजरात में है जबकि गुजरात के व्यापारी मुंबई कारोबार करने जाते हैं। ऐसे में बुलेट ट्रेन केवल पूंजीपतियों को ध्यान में रख कर चलाई जा रही है। मायावती ने कहा कि बुलेट ट्रेन पर खर्च होने वाला खरबों रूपया अगर रेल सुविधा और सुरक्षा पर खर्च होता तो ऐसे ट्रेन हादसे नहीं होते। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे देश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है और अगर आप प्रधानमंत्री का मिजाज देखें तो आपको स्पष्ट हो जाएगा कि जब गरीब, मेहनतकश, मध्यम वर्ग को पीड़ा होती है तब उन्हें खुशी होती है। जब पूंजीपतियों को खुशी मिलती है तब प्रधानमंत्री और खुश हो जाते हैं। मायावती ने कहा कि कल प्रधानमंत्री आगरा में परिवर्तन रैली में गए थे। वहां उन्होंने पिछली सरकार की आवास योजना पर लीपापोती करके एक नई योजना पेश कर दी। लेकिन आगरा से कुछ ही घंटे की दूरी पर कानपुर देहात नहीं गए जहां रेल दुर्घटना घटी थी। अगर प्रधानमंत्री वहां जाते तो लोगों के जख्मों पर मरहम लगता।
उन्होंने कहा कि रेल में गरीब लोग, मध्यम वर्ग सफर करता है। लेकिन उन्हें सुरक्षा और सुविधा नहीं मिल रही है। बसपा प्रमुख ने कहा, भाजपा सरकार को यह महंगा पड़ेगा। 2019 के लोकसभा चुनाव और उससे पहले राज्य विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखायेगी।
उन्होंने कहा कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया गया और यह दावा किया गया कि 10 महीने से तैयारी चल रही थी। जब इतने समय से तैयारी चल रही थी तब जनता को इतनी परेशानियां क्यों उठानी पड़ी? मायावती ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का निर्णय अपने चहेते पूंजीपतियों के कालेधन, अपनी पार्टी और नेताओं के कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए किया। और अब 50 दिन और मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जनता इतनी नासमझ नहीं है। वो सब समझती है। भाजपा ने अपने एक चौथाई चुनावी वादे पूरे नहीं किए और जनता को उलझाने का काम कर रही है। जनता उन्हें सबक सिखाएगी। (एजेंसी)