गुजरात के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले पर हमला हुआ था। लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सदस्यों ने इसको लेकर काफी हंगामा किया था और इस घटना को राहुल गांधी की जान लेने का प्रयास बताया था। इसे लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी संसद में बयान दिया था।
पीटीआई के मुताबिक, पिछले साल 28 अप्रैल, 2016 को राहुल गांधी के दफ्तर ने उनकी सुरक्षा को लेकर एसपीजी को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में लिखा गया कि राहुल गांधी को जो गाड़ियां सुरक्षा के लिहाज से दी जाती हैं, उनमें बहुत घुटन होती है और स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। हालांकि अब गृहमंत्रालय का कहना है कि गाड़ियों में कोई दिक्कत नहीं है।
राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले कौशल किशोर विद्यार्थी ने पूर्व एसपीजी निदेशक विवेक श्रीवास्तव को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सरकार उन्हें सुरक्षा के नाम पर टाटा सफारी बुलेट प्रूफ़ गाड़ी देती है, लेकिन उसमें राहुल गांधी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते। इस चिट्ठी में यह भी लिखा हुआ है कि इन गाड़ियों में हवा भी ठीक से पास नहीं होती। यह चिट्ठी एसपीजी को चिट्ठी में लिखा गया था कि इन गाड़ियों की खिड़की सिर्फ कुछ सेंटीमीटर ही खुलती है, जिसके कारण राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं से मिल नहीं पाते। साथ ही अगर रास्ता लंबा हो तो ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
हालांकि गृह मंत्रालय ने इस बात का खंडन किया है। मंत्रालय के मुताबिक, उसी तरह की टाटा सफारी न सिर्फ गृहमंत्री राजनाथ सिंह बल्कि वित्तमंत्री अरुण जेटली भी इस्तेमाल करते हैं। मंत्रालय का कहना है कि उसी तरह की गाड़ियां उन सभी वीआईपी को दी जा रही है, जिन्हें सरकार की तरफ़ से Z प्लस सुरक्षा दी हुई है।
मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि पिछले दो सालों में कांग्रेस नेता ने 121 दौरे किए हैं, लेकिन 100 बार बुलेट प्रूफ गाड़ी इस्तेमाल करने से इनकार किया है। यही नहीं गृहमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जब वे विदेशी दौरे में जाते हैं तो एसपीजी को आखिरी वक्त तक इतलाह नहीं देते हैं और इसके कारण सुरक्षाकर्मियों को काफी दिक्कतें आती हैं।