कर्नाटक के 14 अयोग्य बागी विधायक अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं। इन 14 बागी विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर केआर रमेश ने अयोग्य घोषित कर दिया था। बागी विधायकों का कहना है कि उनके सामने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
बागी विधायकों का कहना है कि स्पीकर के आर रमेश कुमार का फैसला असंवैधानिक है। उन लोगों ने नियमों के तहत ही उन्हें इस्तीफा सौंपा था। लेकिन तत्कालीन सरकार के दबाव में स्पीकर ने उन लोगों को अयोग्य करने का फैसला सुनाया था जो संविधान सम्मत नहीं था। ये बात अलग है कि स्पीकर ने कहा था कि जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था वो विधिसम्मत था। पांच विधायकों के इस्तीफे प्रारूप के हिसाब से नहीं थे। जबकि शेष विधायकों ने 6 जुलाई को इस्तीफा दिया ही नहीं था।
विधायकों ने पार्टी से बगावत करते हुए दिया था इस्तीफा
कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपनी पार्टी से बगावत करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। यही कारण था कि एचडी कुमारस्वामी को अपनी सरकार गंवानी पड़ी। तत्कालीन स्पीकर रमेश कुमार ने काफी लंबे समय के बाद पहले तीन और बाद में बाकी सभी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था। अयोग्य घोषित ठहराए जाने के बाद ये सभी विधायक इस सरकार के कार्यकाल यानी 2023 तक राज्य में कोई चुनाव या उपचुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
व्हिप जारी किए जाने के बावजूद सदन में नहीं आए विधायक
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी 14 विधायकों ने निर्णय के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जाने का फैसला किया था। अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी नेता बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने।
कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। सदन में बहुमत के पक्ष में सर्फ 99 वोट ही पड़े थे जबकि विपक्ष में 105 पड़े थे।
विश्वास मत से पहले स्पीकर ने विधायकों को अयोग्य घोषित किया
कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के 11 और जनता दल-सेकुलर (जेडीएस) के तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
विधायकों ने किया था सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला
विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से नाराज सभी 14 विधायकों ने इस मामले को लेकर शीर्ष कोर्ट जाने का फैसला किया था। बागी विधायकों ने कहा था कि वह अयोग्य करार दिए जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती देंगे क्योंकि कांग्रेस और जद-(एस) द्वारा 23 जुलाई को सत्र में भाग लेने के लिए उन्हें एक व्हिप जारी करने से पहले ही उनकी संयुक्त याचिकाओं पर 11 जुलाई को न्यायालय ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने के निर्देश दिए थे।