केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता और हरियाणा में ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने आज अपना इस्तीफा ज्ञान चंद गुप्ता स्पीकर को ई-मेल के माध्यम से भेज दिया। अभय चौटाला ने ये भी कहा है कि अगर 26 जनवरी तक क़ानून वापस नहीं होते तो इसको मेरा त्यागपत्र ही समझा जाए।
हालांकि अभय चौटाला ने घोषणा की हुई थी कि यदि 26 जनवरी तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वह इस्तीफा दे देंगे लेकिन वह अपनी पार्टी के किसान जनजागरण अभियान के तहत आज अपने हलके के गांवों में पहुंचे औैर ग्रामीणों के सामने ही इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा मेल कर दिया। वह इेनलो के प्रदेश में एकमात्र विधायक हैं।
चौटाला ने कहा कि चौधरी देवी लाल जी ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया, आज वही परिस्थितियां देश-प्रदेश में फिर से खड़ी हो गई हैं। किसानों पर आए इस संकट की घड़ी में उनका यह दायित्व बनता है कि वे हर संभव प्रयास करें ताकि किसानों के भविष्य और अस्तित्व पर आए खतरे को टाला जा सके।
इनेलो नेता ने लिखा कि केंद्र की सरकार ने असांविधानिक व अलोकतांत्रिक तरीके से तीन कृषि कानून किसानों पर थोप दिए हैं जिसका विरोध देशभर में हो रहा है। इन कृषि कानूनों के विरोध और आंदोलन को अब तक 47 से अधिक दिन हो गए हैं और कड़ाके की ठंड में लाखों किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। अब तक भीषण ठंड के कारण साठ से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। केंद्र की सरकार किसान संगठनों से आठ दौर की बातचीत कर चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने इन काले कानूनों को वापस लेने के पर सहमति नहीं दिखाई है।