राकांपा (शरदचंद्र-पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि रोहित पवार की कंपनी के स्वामित्व वाली चीनी मिल की संपत्ति कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई ‘‘सत्ता का दुरुपयोग’’ है। रोहित, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार के पोते हैं।
सुले ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज मूल मामले में रोहित का नाम नहीं था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई मूल प्राथमिकी में रोहित पवार का नाम नहीं था। ईओडब्ल्यू ने उस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, लेकिन ईडी ने रिपोर्ट का विरोध किया।’’
सुले ने दावा किया कि ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कुछ ऐसे लोगों के नाम थे, जो भाजपा या उसके सहयोगियों के साथ जुड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह कैसा न्याय है? अगर किसी ने गलती की है, तो आप कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए कि वह (रोहित) सच के लिए लड़ रहे हैं और सच बोल रहे हैं…क्या यह कार्रवाई उनके साथ अन्याय नहीं होगी?’’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने रोहित पवार के स्वामित्व वाली एक चीनी मिल की 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति कुर्क की है।