उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि पार्टी एक परिवार के हाथों में जाए। पनीरसेल्वम के खेमे में उत्साह के माहौल के बीच वह पनीरसेल्वम और राज्यसभा सदस्य डा. वी मैत्रेयन के साथ थे।
उधर, इस बीच शशिकला के विश्वासपात्र तथा अन्नाद्रमुक के मंत्री के पांडियाराजन ने कहा कि शशिकला खेमे को राज्यपाल सी विद्यासागर राव से शाम साढ़े सात बजे मुलाकात करने का वक्त दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सभी विधायक राज्यपाल से मुलाकात करने को तैयार हैं।
पनीरसेल्वम ने कहा, हम आभार के साथ उनका (मदूसूदनन का) स्वागत करते हैं। उन्होंने मदुसूदनन को एक बड़ा नेता बताया जिन्होंने अन्नाद्रमुक के शुरुआती दिनों से पार्टी के लिए इसके संस्थापक एमजी रामचंद्रन के साथ काम किया है। पनीरसेल्वम ने शशिकला की आलोचना करते हुए, उन्हें गद्दार और नाटक करने वाली बताया जिन्होंने दिवंगत जयललिता को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि वह शशिकला थीं जिन्होंने 2011 में जयललिता से खुद को पार्टी में फिर से शामिल करने की गुहार लगाते हुए कहा था कि वह किसी पद की कामना नहीं करती हैं। उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। पार्टी में पदक्रम में बहुत वरिष्ठ पदाधिकारी मदुसूदनन ने ही के.ए. सेंगोत्तायन जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ शशिकला से पिछले साल दिसंबर में जयललिता के निधन के बाद पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने का आग्रह किया था।