माकपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा, ‘‘अलग-अलग चरित्र वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियों’’ का गठबंधन भाजपा के रथ को नहीं रोक सकता। करात के मुताबिक विपक्षी एकता कई क्षेत्रीय पार्टियों के अविश्वसनीय चरित्र की वजह से भी अव्यावहारिक है। ज्यादातर पार्टियों ने नव-उदारवादी नीतियां अपना ली हैं और वे अवसरवादी गठबंधन भी बना सकते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वामपंथी नेता प्रकाश करात ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में लिखा है कि भाजपा से मुकाबले के लिए पूरी विपक्षी एकता व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि इसमें उस कांग्रेस को शामिल करना होगा और उसकी अगुवाई में चलना होगा, जिसने नव-उदारवादी आर्थिक नीतियां थोपी हैं और जिसे बुनियादी नीतियों के मामले में भगवा पार्टी से अलग नहीं माना जाता।
विपक्ष भ्रष्टाचार के कारण बदनाम
करात ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी वर्षों के अपने कुशासन और भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम हो चुकी है, इसलिए वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतें देश की सबसे पुरानी पार्टी से गठबंधन करके भाजपा को रोकने की उपलब्धि नहीं हासिल कर सकती ।
अवसरवादी गठबंधन नहीं...
करात ने कहा कि अवसरवादी गठबंधन करने की बजाय ऐसे व्यापक मंच विकसित करने की जरूरत है, जिसके जरिए मेहनतकश तबकों, किसानों और अन्य तबकों से जुड़े मुद्दे उठाए जा सकें और भाजपा तथा इसकी नीतियों के वैकल्पिक कार्यक्रम पेश कर सांप्रदायिक ताकतों का मुकाबला किया जा सके।