बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से वायलेंटरी रिटायरमेंट (वीआरएस) लेकर राजनीति में आए पूर्व आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय को फिलहाल निराशा हाथ लगी है। गुप्तेश्वर पांडेय की सियासी पारी शुरुआत में ही लड़खड़ा गई है।
इसको लेकर पांडे ने गुरुवार को अपनी सफाई देते हुए कहा, मेरे वीआरएस लेने और पार्टी की सदस्यता लेने को सीधे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। चुनाव लड़ने की संभावना थी, किसी कारणवश ये समीकरण नहीं बैठा। राजनीति में बहुत सारी मजबूरियां होती हैं लेकिन मैं एनडीए के साथ हूं और एनडीए के साथ रहूंगा।
गुप्तेश्वर पांडे की राजनीतिक कैरियर शुरू होने से पहले ही लड़खड़ाती उस वक्त नजर आई जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से उनको टिकट नहीं दिया गया। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के सत्तारूढ़ दल द्वारा बुधवार को 115 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें में पूर्व डीजीपी का नाम नहीं दिखा।
इस बात के कयास कई महीनों से लगाए जा रहे थे कि पांडे विधानसभा चुनाव में मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन, उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। जिस सीट के लिए दावेदार थे वो सीट बीजेपी के खाते में चला गया और बक्सर सीट से पांडे को निराशा हाथ लगी।
गुप्तेश्वर पांडे बीते महीने बिग-बॉस सीजन 12 से प्रसिद्धि पाने वाले मुजफ्फरपुर के दीपक ठाकुर के साथ रॉबिनहुड बिहार के गाने में नजर आए थे। लेकिन, गाने के रिलीज होने के बाद हीं विवाद खड़ा हो गया और एफआईआर दर्ज होने के बाद गाने को दीपक यूट्यूब चैनल से हटाना पड़ा।
बिहार में तीन चरणों में चुनाव होने हैं। पहला चरण 28 अक्टूबर को होगा, जबकि दूसरा चरण 3 नवंबर और तीसरा चरण 7 नवंबर को होगा। 10 नवंबर को वोटो की गिनती होगी। इस चुनाव में बीजेपी को 121 सीटें और जेडीयू को 122 सीटें मिली है। जेडीयू अपने कोटे से सहयोगी दल जीतन राम मांझी की पार्टी हम को सात सीटें दी है। वहीं, मुकेश साहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को बीजेपी ने अपने कोटे से ग्यारह सीटें और एक एमएलसी की सीट दी है।