स्विस बैंक की काला धन संबंधी रिपोर्ट के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार को घेर रही हैं। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि लोग पीएम मोदी को उनके द्वारा विदेशों से काला धन लाने के वादे की याद दिला रहे हैं, यही वजह है कि बीजेपी विकास के मुद्दे को छोड़कर नफरत, सांप्रदायिक, बेईमानी और विभाजनकारी राजनीति के अपने मूल एजेंडे पर वापस आ गई है।
मायावती ने कहा कि देश यह जानना चाहता है कि पीएम मोदी काला धन के मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वजह यह तो नहीं है कि जितने लोगों का विदेशों में धन जमा है, वह बीजेपी के करीबी हैं। मायावती ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है कि इतने कम समय में सबसे अमीर पार्टी बन गई।
People of the nation want to know why is govt, especially the PM, silent on black money? Is it because most of those people who deposit money abroad are those close to BJP, due to whom it has emerged as the wealthiest party of India in such short span of time?: Mayawati,BSP Chief pic.twitter.com/7pIvuQ42tH
— ANI UP (@ANINewsUP) July 1, 2018
मायावती ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे बिजनेसमैन का हवाला देते हुए कहा कि देश में व्यवसायी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए बैंकों की मदद लेते हैं और फिर उनका पैसा खाकर भाग जाते हैं। देश के लोग यह सोच रहे हैं कि मोदी सरकार ऐसे व्यवसायियों को भागने से रोकने में नाकाम क्यों है।
उन्होंने कहा, 'लोग पीएम मोदी को उनके द्वारा विदेशों से काला धान लाने के वादे की याद दिला रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी विकास के मुद्दे को छोड़कर नफरत, सांप्रदायिक, बेईमानी और विभाजनकारी राजनीति के अपने मूल एजेंडे पर वापस आ गई है और यही वजह है कि उसने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से अपना समर्थन भी वापस ले लिया।'
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन एक साल में 50 फीसदी से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपए (1.01 अरब फ्रैंक) हो गया। इससे पहले तीन साल यहां के बैंकों में भारतीयों के जमा धन में लगातार गिरावट आई थी हालांकि सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इसमें से सारा पैसा काला धन नहीं है।