सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में टकराव अब थमेगा नहीं। उद्धव ने अब भाजपा को गठबंधन तोड़ने की चुनौती भी दे दी है। दशहरा रैली में उन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन तोड़े फिर हम दिखाएंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है।
बुधवार को सामना के संपादकीय में भी यही बात कही गई है। उसमें लिखा है कि भाजपा में हिम्मत है तो वह जिला परिषद, थाणे महानगरपालिका और बीएमसी चुनाव में गठबंधन तोड़कर दिखाए।
उद्धव ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद किरीट सोमैय्या ने कहा कि हम बीएमसी में सक्रिय इनके माफिया का मुद्दा उठा रहे हैं तो ये मुझे, महिला कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। इस तरह की धमकी से हम विचलित होने वाले नहीं हैं। बीएमसी के माफियायों से जो दलाली शिवसेना को मिल रही है, उसे हम रोकेंगे फिर चाहे जो हो।
उधर, बीएमसी में वॉर्ड्स के नए परिसीमन के बाद भाजपा ने सर्वे शुरू कराया है। शहर के सभी 227 वॉर्ड्स का सर्वे किया जा रहा हैं। इस सर्वे में भाजपा ये जानना चाहती है कि अगर वो अकेले लड़ती है तो उनकी कितनी सीटें चुनकर आ सकती हैं, कौन सा स्थानीय नेता सबसे लोकप्रिय है।
पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ चुके हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात में भाजपा और शिवसेना के संबंधों में अगलगाव बढ़ गया है। गठबंधन टूटने के कगार पर है। ऐसे में अगर चुनाव के पहले अलग होने की स्थिति बनती है तो भाजपा अभी से ही अपनी तैयारी कर लेना चाहती है।