हरियाणा में नए मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने के साथ ही गुरुवार को मनोहर लाल खट्टरकी अगुवाई वाले राज्य मंत्रिमंडल का पहला विस्तार होगा। नए मंत्रियों को सुबह 11 बजे शपथ दिलवाई जाएगी। भाजपा द्वारा हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर सरकार गठन करने पर मनोहर लाल खट्टर ने 27 अक्टूबर को दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मंत्री पद में इन विधायकों को मिल सकती है जगह
हरियाणा मंत्रीमंडल में कुछ पूर्व मंत्रियों तो कई नए विधायकों को जगह मिल सकती है। कैबिनेट में शामिल होने वाले जिन विधायकों के नाम आगे चल रहे हैं उनमें अनिल, कंवर पाल गुर्जर, सीमा त्रिखा, महिपाल ढांडा, घनश्याम सर्राफ और दीपक मंगला शामिल हैं, वहीं, जननायक जनता पार्टी से से राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह या अनूप धानक की संभावना बताई जा रही है। निर्दलीयों में रंजीत चौटाला और बलराज कुंडू को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद है।
दिवाली के दिन सीएम खट्टर ने ली थी शपथ
बता दें कि 27 अक्टूबर दिवाली के दिन हरियाणा में फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बन गई थी। चंडीगढ़ में राजभवन में हुए समारोह में मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वहीं, बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक दल के नेता दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह के लिए दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला, पंजाब के पूर्व सीएम और अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल और बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पहुंचे थे।
इससे पूर्व 26 अक्टूबर को बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने गए खट्टर का नाम पार्टी विधायक अनिल विज ने मुख्य मंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया और बाकी के 38 विधायकों ने इसका समर्थन किया। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से 26 अक्टूबर की दोपहर मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला भी चंडीगढ़ पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर बीजेपी के पक्ष में अपनी पार्टी का समर्थन पत्र सौंपा।
किसी भी दल को नहीं मिला था पूर्ण बहुमत
हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी 40 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस 31 सीटों तक ही पहुंच सकी। वहीं, आईएनएलडी से अलग हुई जेजपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की। गोपाल कांड़ा की पार्टी को 1 सीट और आईएनएलडी को 1 सीट मिली। वहीं, 7 सीटें अन्य के खाते में गई।