न्यूज एजेंसी के मुताबिक, केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र होने के चलते नहीं मिल सका लेकिन मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल को जल्दी जल्दी और कम से कम सप्ताह में एक बार जरूर मिलना चाहिए। कपिल मिश्रा जब उपराज्यपाल से मिलकर लगातार दिल्ली सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, तब इस समय इस पत्र को लेकर कई मायने लगाए जा रहे हैं। आप का आरोप है कि उपराज्यपाल पर विधायकों से मिलने का समय नहीं है लेकिन कपिल मिश्रा चाहे जब मिल सकते हैं। मिश्रा हाल में 29 मई को ही उपराज्यपाल से मिले थे तथा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पर दो करोड़ रुपये की अघोषित राशि केजरीवाल को देने का आरोप लगाया था।
पत्र में कहा गया है कि बुधवार को विधानसभा सत्र के चलते मुलाकात नहीं हो पाई और इसके बाद मेरी दफ्तर से कल पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा गया था तथा तब मुझे बताया गया कि उपराज्यपाल इस सप्ताह व्यस्त हैं तथा अगले सप्ताह जरूर मिलेंगे। अच्छा है उपराज्यपाल के पास समय नहीं है लेकिन पिछले सप्ताह पत्र लिखकर सप्ताह में कम से कम एक बार मिलकर दिल्ली के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जरूर कहा गया था।
पत्र पर उपराज्यपाल दफ्तर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एलजी हर बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलते हैं लेकिन पिछले सप्ताह विधानसभा सत्र के चलते मुलाकात नहीं हो पाई। गुरुवार को उपराज्यपाल का पहले से तय कार्यक्रम था और वह व्यस्त थे। शुक्रवार को उनके दफ्तर ने खुद इस मामले में पहल कर बुधवार को मीटिंग तय कर दी गई है।
उधर, चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने आरोप लगाया है कि एलजी के पास कपिल मिश्रा से मिलने का समय है लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं है। यह समझ से परे हैं कि एलजी पर मिश्रा से मिलने का समय है और मुझे भी सोमवार को दोपहर साढे 12 बजे मिलने का समय दिया है लेकिन मुख्यमंत्री को मना कर दिया है। मालूम हो कि इससे पहले विधायक सौरभ भारद्वाज ने भी कहा था कि निगम ने सारे काम रोक दिए हैं और इसे बारे में एलजी से मिलने का समय मांगा था और इस बारे में कई पत्र भी लिखे गए लेकिन समय नहीं मिला।