कांग्रेस की लंबी रणनीतिक चर्चा के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस का नेता घोषित किया गया। कांग्रेस कमिटी ने यह निर्णय तब लिया जब राहुल गांधी ने इस पद को ग्रहण करने से इनकार किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की उपस्थित में यह निर्णय लिया गया। कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी का उल्लेख करते हुए लोकसभा को एक पत्र लिखा जिसमें बताया गया कि अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस पार्टी के नेता होंगे और सभी महत्वपूर्ण चयन समितियों का प्रतिनिधित्व भी करेंगे।
चौधरी, बंगाल के बेरहमपुर से लोकसभा के पांच सदस्यीय सदस्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख थे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी द्वारा यह पद ग्रहण करने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया। मंगलवार सुबह लंबी रणनीतिक चर्चा के बाद यह फैसला किया गया।
लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी को पार्टी का नेता नामित करने का निर्णय कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक के दौरान लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने की। इस बैठक में राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिस्सा लिया।
मंगलवार को सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ में आयोजित बैठक में राहुल गांधी, मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, जयराम रमेश और के सुरेश चौधरी भी शामिल हुए।
मल्लिकार्जुन खड़गे थे लोकसभा में कांग्रेस के नेता
इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे थे। इस बार वह चुनाव हार गए हैं, जिसके बाद कांग्रेस ने चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से सांसद हैं।
इससे पहले सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और केरल से पार्टी के नेता के सुरेश पहुंचे थे। जिसके बाद चौधरी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।