गुजरात के पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल के पूर्व सहयोगियों चिराग पटेल और केतन पटेल ने हार्दिक को एक खुला पत्र लिखकर ये आरोप लगाए हैं। यह पत्र आरक्षण के लिए पाटीदारों द्वारा चलाए गए आंदोलन में दरार पड़ने का संकेत देता है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के दो महत्वपूर्ण सदस्यों ने इस पत्र को सार्वजनिक किया। पत्र में पूर्व सहयोगियों ने आरोप लगाया कि 23 वर्षीय हार्दिक पटेल आरक्षण आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही करोड़पति बन गया। चिराग और केतन ने हार्दिक के साथ ही पटेल आरक्षण आंदोलन में हिस्सा लिया था।
समिति के नेताओं ने पत्र में लिखा, नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही हमारे आंदोलन को भी नुकसान पहुंचाया। पत्र में आरोप लगाया गया है, हमारे समुदाय के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के बजाय आप और आपके मित्र ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। आपने और आपके रिश्तेदार विपुलभाई ने शहीदों की मदद के लिए एकत्र किए गए धन से महंगी गाड़ियां खरीद लीं। पूर्व सहयोगियों ने पत्र में दावा किया, सामान्य तौर पर जेल में जाने के बाद लोगों के लिए अपनी रोजी-रोटी कमाना मुश्किल हो जाता है लेकिन आपके मामले में बिल्कुल उल्टा हुआ क्योंकि आप जेल जाने के बाद करोड़पति बन गए।