इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और चौटाला परिवार में चल रहे कलह के बीच शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने अपने दोनों पोतों सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चौटाला ने तुरंत प्रभाव से दोनों की प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी। साथ ही, पार्टी की संसदीय समिति के नेतृत्व से भी हटा दिया। दुष्यंत और दिग्विजय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ओमप्रकाश चौटाला की तरफ से जारी पत्र में लिखा है कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह दोनों ने 7 अक्टूबर, 2018 को चौधरी देवी लाल के जन्मदिवस के दौरान गोहाना में आयोजित कार्यक्रम में अनुशासनहीनता दिखाई। साथ ही, हुड़दंगबाजी भी की। दोनों पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध नारेबाजी भी की थी।
अनुशासन कार्यवाही समिति ने माना दोषी
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी कार्यालय को सूचित किया कि इस मामले में उन्हें किसी भी बाहरी प्रमाण की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि वे स्वयं उस आयोजन में उपस्थित थे। उन्होंने अनुशासनहीनता और हुड़दंगबाजी की घटनाएं खुद देखीं। दुष्यंत और दिग्विजय ने उनके भाषण में भी व्यवधान डाला था। इसके बावजूद उन्होंने पूरे मामले को अनुशासन कार्यवाही समिति को सौंपा था। समिति ने दुष्यंत और दिग्विजय को दोषी करार दिया।
‘पार्टी किसी भी व्यक्ति विशेष या परिवार से बड़ी’
ओमप्रकाश चौटाला ने पत्र में लिखा, ‘‘दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह उनके परिवार के ही सदस्य हैं, इसलिए उनके विरुद्ध कार्रवाई करना आसान नहीं था। हालांकि, वे जीवनपर्यंत जननायक चौधरी देवीलाल के सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करते रहे हैं। वे मानते हैं कि पार्टी किसी भी व्यक्ति विशेष या परिवार के सदस्य से बड़ी होती है। उन्होंने कहा कि वे अनुशासन कार्रवाई समिति की सिफारिशों से सहमत हैं।