भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव की कश्मीर यात्रा ने एक वरिष्ठ नेशनल कॉन्फेंस के नेता के साथ विवाद पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें हमले की आशंका है क्योंकि उन्होंने माधव से मिलने से इनकार कर दिया था।
वरिष्ठ नेकां नेता और पूर्व मंत्री मियां अल्ताफ ने कहा कि भाजपा नेता खालिद जहांगीर ने शुक्रवार को मुझे फोन किया और कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव आपसे मिलने के लिए आपके निवास पर आएंगे। मैंने कहा कि मेरे निवास पर आने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भाजपा के साथ मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, “मैंने राम माधव से कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुलाकात नहीं की और रिकॉर्ड रखने के लिए मैंने अपने फोन से खालिद जहांगीर को संदेश भेजा कि वे राम माधव को उनके निवास पर न लाएं। इसके अलावा, मुझसे किसी भी किस्म की राजनीतिक चर्चा ना करे।
अल्ताफ ने कहा कि मैं अपने लोगों को बताना चाहता हूं कि भाजपा या सरकार ने राम माधव को ऐसा करने के लिए कहा होगा। वह कोई ड्रामा करेंगे। मुझे परेशान करेंगे और फिर आतंकियों को दोष देंगे। जनता सब समझ रही है'।
हालांकि, भाजपा नेता खालिद जहांगीर ने बयान को बचकाना बताया। उन्होंने दावा किया कि माधव ने पहले भी अल्ताफ से बात की थी। उन्होंने कहा कि माधव गांदरबल क्षेत्र के दौरे पर थे। मैंने उन्हें बताया कि क्या वह पूर्व विधायक मियां अल्ताफ से मिलने के लिए इच्छुक हैं, जिसके बाद मैंने मियां अल्ताफ को फोन किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
जहांगीर ने कहा कि वह अल्ताफ के बयान से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि राजनेता मिलते हैं और बात करते हैं। डॉ. फारूक ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। क्या महबूबा मुफ्ती अमित शाह से नहीं मिलीं? राजनीति सभी के बारे में बात करती है।
जहांगीर ने कहा, “मुझे लगता है कि मियां अल्ताफ साहब ने राजनीतिक रूप से अपरिपक्व बयान जारी करके स्थिति को खराब कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बयान जारी करने के बजाय अधिक परिपक्व तरीके से काम करना चाहिए था।