महागठबंधन से अलग हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि वो बिहार और झारखंड में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि हम बिना किसी गठबंधन के स्वतंत्र रूप से झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मेरा मानना है कि महागठबंधन (बिहार में) हमें नजरअंदाज किया गया इसलिए हमने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव भी अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है।
गठबंधन में समन्वय की कमी
उन्होंने आरोप लगाया, "मेरे बार-बार कहने के बावजूद महागठबंध में कोर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं किया जा सका। इस वजह से गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय की कमी है। ऐसे में अकेले चुनाव लड़ना बेहतर होगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए ऐसा फैसला लेना पड़ा है। महागठबंधन में रहने वालों को भ्रम है कि वे हैं, तभी महागठबंधन और अन्य पार्टियां हैं। इससे पहले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) ने महागठबंधन से अलग होने का निर्णय ले लिया है।
10 नवंबर तक होगी उम्मीदवारों की घोषणा
गुरुवार को जीतनराम मांझी के आवास पर आयोजित पार्टी की बैठक में झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने और उम्मीदवारों के चयन की घोषणा 10 नवंबर तक करने का फैसला किया गया। बता दें कि इससे पहले झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो ने अकेले चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की है।