महाराष्ट्र के बीड जिले की एक अदालत ने सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के एक मामले में आरोपी वाल्मिक कराड को बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) की हिरासत अवधि की समाप्ति के बाद कराड को डिजिटल माध्यम से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) मामलों की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने कराड को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी कराड पर 14 जनवरी को सख्त मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद पुलिस ने उसकी हिरासत के लिए विशेष मकोका अदालत का रुख किया।
अदालत ने 15 जनवरी को उसे 22 जनवरी तक सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की हिरासत में भेज दिया था। सीआईडी की यह विशेष जांच टीम मामले में जांच कर रही है।
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि देशमुख ने क्षेत्र में पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की गई जबरन वसूली का विरोध करने की कोशिश की थी।
पुणे में 31 दिसंबर को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद कराड को हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
महाराष्ट्र पुलिस की एसआईटी ने पिछले सप्ताह बीड की अदालत को बताया कि सरपंच देशमुख की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन पर एक ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली की साजिश में बाधक बनने का संदेह था और अपराध को अंजाम दिए जाने के समय वाल्मिक कराड हत्यारों के संपर्क में था।