चक्रवर्ती तूफान यास से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।ममता बनर्जी ने पीएम को इंतजार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से बात करने के बाद ही वो दीघा के लिए रवाना हुई थीं। ममता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी जीत केंद्र सरकार से हजम नहीं हो रही है। मैं बंगाल की जनता के लिए प्रधानमंत्री के पैर छूने के लिए भी तैयार हूं।
ममता ने साफ कहा कि उन्हें खुद पीएम की बैठक मेंइंतजार करना पड़ा। सीएम ममता ने दावा किया कि जब हम सागर पहुंचे तो हमें सूचना मिली कि हमें 20 मि हमें 20 मिनट इंतजार करना होगा क्योंकि पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर उतरना बाकी था।
सीएम ममता बनर्जी ने अपनी बैठक में देर से पहुंचने और जल्दी निकल जाने के विवाद पर कहा कि गुरुवार को ही मेरा कार्यक्रम तय हो गया था। उन्होंने कहा कि पीएम के दौरे के बारे में देर से पता चला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से इजाजत लेने के बाद ही वो वहां से दीघा के लिए रवाना हुई थीं। उन्होंने पीएमओ द्वारा एकतरफा सूचना प्रसारित कर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक योजना के तहत वे कुछ खाली कुर्सियां (तस्वीरों में) दिखा रहे थे।
ममता बनर्जी ने कहा कि मैं प्रधान मंत्री से अनुरोध करती हूं कि मुख्य सचिव (डीओपीटी से जुड़े) के इस आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें। कुछ शिष्टाचार होना चाहिए। केंद्र राज्य को काम नहीं करने दे रहा है। बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगी। मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बनी रहूंगी। सीएम ममता ने कहा कि लड़ाई मुझसे है, मेरे अधिकारियों से नहीं है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की ओर से केंद्र सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि जितना संभव हो सके मेरे अधिकारियों के इन सबसे दूर रखा जाए और एक्सटेंशन दिया जाए।