तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बीजेपी निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने गत दिनों निर्वाचन आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर राज्य के सीनियर अधिकारियों के तबादले किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ईसी सभी अधिकारियों का भी ट्रांसफर कर दे तो भी टीएमसी की जीत को नहीं रोका जा सकता है।
एक चुनावी सभा में ममता बनर्जी ने कहा कि जिस तरह से भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है,ऐसा लगता है कि यह भाजपा आयोग है। बता दिं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान होने से दो दिन पहले चुनाव आयोग ने एक आईएएस और चार आईपीएस अधिकारियों को हटा दिया।
उन्होंने कहा कि उनके मन में निर्वाचन आयोग के लिए अगाध सम्मान है लेकिन मैं निर्वाचन आयोग से सवाल करना चाहती हूं कि आखिर क्यों लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के दौरान पुलिस बलों का नियंत्रण केंद्र के हाथों में होता है? क्यों नहीं ये निर्वाचन आयोग के अधीन होते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग उनकी सरकार के प्रति सौतेला व्यवहार कर रहा है।
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर अल्पसंख्यकों के वोट काटने के लिए एक नये राजनीतिक दल की सहायता करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक जनसभा में हुए किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि उस दल के संस्थापक ने भाजपा से धन लिया है। उन्होंने कहा,“ भाजपा के कहने पर अल्पसंख्यकों के वोट काटने और भगवा दल की मदद के लिए राज्य में एक नये दल का गठन किया गया है। कृपया उस दल के उम्मीदवारों को वोट न दें।”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच सहमति है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार एक अप्रैल से तीन दिवसीय दौरे पर बंगाल आयेंगे और कई चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। वह प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और सुश्री बनर्जी से भी मुलाकात करेंगे। राकांपा प्रवक्ता महेश ताप्से ने आज बताया कि श्री पवार तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे।