सूत्रों के मुताबिक राजद के कई नेता पहले से ही मांझी के संपर्क में और उनके नए रुख का इंतजार कर रहे थे।
मांझी की नई पार्टी का नाम हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा है जो दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक लोगों को एक मंच पर लाने का काम करेगा। मांझी ने पार्टी के गठन की घोषणा के समय कहा कि यह पार्टी आम आदमी पार्टी से भी बेहतर काम करेगी। जिस तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सभी सियासी दलों का सफाया कर दिया उसी तरह से बिहार में भी नया इतिहास लिखा जाएगा। लेकिन खबर यह है कि मांझी के इस नए दल का गठजोड़ भारतीय जनता पार्टी के साथ हो सकता है। मांझी के करीबी सूत्रों के मुताबिक गठजोड़ में भाजपा 60 सीटें देने के लिए तैयार हो गई है। ऐसे में यह तय है कि आने वाले दिनों में बिहारी का सियासी समीकरण कुछ और होगा। क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के एक होने की खबरों के बाद से ही बिहार में सियासी हड़कंप मचा हुआ था कि अगर दोनों दल एक हो गए तो तस्वीर कुछ और होगी। लेकिन जद यू द्वारा मांझी को निकाले जाने और फिर मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की घटना ने भाजपा को नया बल दे दिया। अब देखना है कि मांझी का अगला कदम क्या होगा।
बिहार में नई सियासत के सूत्रधार बने मांझी
राजनीतिक उठापटक के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नई पार्टी का गठन कर दिया। इसके साथ राज्य में नई सियासत के सूत्रधार भी बन गए हैं। मांझी की नई पार्टी बनाए जाने के बाद से माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के कई असंतुष्ट नेता जुड़ सकते हैं।
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