मायावती ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद से निपटने हेतु सहयोग नहीं करने की पाकिस्तान की नीयत साफ झलक रही है। उन्होने कहा कि वास्तव में अपने देश के लोग भी अन्धकार में ही हैं कि पाकिस्तान की संयुक्त जाँच दल के भारत आगमन का परिणाम अच्छा होगा। उन्होने कहा कि पाकिस्तान के साथ आपसी सम्बन्ध के मामले के साथ-साथ पठानकोट का आतंकी हमला एक अत्यन्त ही संवेदनशील मामला है और इसको काफी गम्भीरता से लेकर भारत सरकार को अपना फैसला करना चाहिये था। परन्तु इस सम्बन्ध में भारत सरकार की ताज़ा रणनीति कामयाब होती हुई नज़र नहीं आ रही है।
मायावती ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों और आतंकवाद जैसे मुद्दों से निपटने के लिए भारत सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर राय लेनी चाहिए। लेकिन सरकार कुछ फैसले बिना राजनीतिक दलों को एकजुट किए कर लेती है जो कि निंदनीय है। अगर सरकार एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली स्थायी नीति पर अमल करे तो देश को बार-बार के आतंकी हमले व सीमा पर तनातनी व गोलाबारी आदि से मुक्ति मिल जाएगी।