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मोदी कैबिनेट विस्तारः जेडीयू को पुरानी डील पर करना पड़ा संतोष, इन सहयोगी दलों को भी मिली जगह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा सरकार के करीब दो साल पूरे होने पर मंत्रिमंडल विस्तार किया है। कुल...
मोदी कैबिनेट विस्तारः जेडीयू को पुरानी डील पर करना पड़ा संतोष, इन सहयोगी दलों को भी मिली जगह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा सरकार के करीब दो साल पूरे होने पर मंत्रिमंडल विस्तार किया है। कुल 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में एनडीए के घटक दल जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के एक मात्र नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह सिंह को जगह मिली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के एक मात्र नेता के शामिल होते ही साफ हो चुका है मोदी केंद्र की राजनीति में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं हैं। वहीं, घटक दलों में हाजीपुर से लोकसभा सदस्य पशुपति कुमार पारस और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह दी गई है।

मोदी कैबिनेट में एक मात्र मंत्री पद के साथ जेडीयू का शामिल होना हैरान करने वाली बात है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2019 में पीएम मोदी की ओर से केंद्रीय कैबिनेट में एक मंत्री पद के ऑफर को ठुकरा दिया था। तब कहा गया था कि जेडीयू मजबूती के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगी, लेकिन दो साल बाद भी ऐसा नहीं हो पाया है।

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू की तरफ से चार मंत्रियों की मांग की गई थी। इस पर हालाकि नीतीश कुमार ने साफ कुछ नहीं कहा था और इसे पीएम का ही अधिकार बताया था। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष इस पर बात कर रहे हैं सब कुछ ठीक होगा।

2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को एक केंद्रीय मंत्री का पद ऑफर किया गया था। इसके बाद तत्कालीन जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू बिहार की 40 में से 17-17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से नीतीश की पार्टी को 16 और पीएम मोदी के दल को 17 सीटें आई थीं। एनडीए की अन्य घटक दल एलजेपी सभी 6 सीटें जीती थी। नीतीश कुमार ने तब चुनाव में सीट बंटवारे की तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी 50-50 फॉर्म्यूले की बात  कही थी लेकिन पीएम ने उनकी बात नहीं मानी। इस पर जेडीयू ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट विस्तार में सहयोगी दलों को साधने की कोशिश की है। अब तक मंत्री परिषद में सहयोगी दलों के एकमात्र नेता के रूप में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के रामदास अठावले थे। बिहार में एलजेपी और बीजेपी का गठबंधन है। एलजेपी में हाल ही में टूट पड़ गई थी और चिराग पासवान अलग थलग पड़ गए थे। पारस को मंत्री बनाए जाने के फैसले पर चिराग पासवान ने एतराज जताया है। यूपी में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया है। पूर्वांचल के दिग्गज कुर्मी नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुकी हैं।

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