अभियान के प्रवक्ता अनुपम सिंह का कहना है कि ‘ पार्टी में रहते हुए भी स्वराज अभियान आम आदमी पार्टी के बैनर तले नहीं था। देर रात के फैसले के बाद स्वराज अभियान से जुड़ने वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है। ’ अनुपम सिंह का कहना है कि यह अपने आप में अलग आंदोलन है। जैसे नर्मदा आंदोलन। न तो यह एनजीओ है और न तो हमें इसे किसी और बैनर का नाम देने की जरूरत है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि गुड़गांव में स्वराज अभियान की पहली बैठक में तय हुआ था कि इसमें 49 लोगों की एक राष्ट्रीय समिती होगी। इस समिति में 100 लोग किए जाएंगे। इसके बाद राज्य स्तर पर स्वराज अभियान की समितियां बनाई जाएंगी। यह समितियां उक्त 100 लोग तय करेंगे। समिति सदस्यों की संख्या अलग-अलग राज्य में लोकसभा सीटों के अनुपात में होगी। इसके जरिये किसानों और भ्रष्टाचार के दूसरे मुद्दे उठाए जाएंगे।