हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सार्वजनिक स्थानों पर खुले में नमाज को लेकर दिए बयाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर ये रोक हर धर्म पर होती तो ये ठीक होता, लेकिन चुनने और छांटने की पॉलिसी दिखाती है कि एक खास धर्म निशाने पर है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था जहां किसी धर्म विशेष को चुनकर निशाना बयाना जाए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी मनोहर लाल खट्टर के इस बयान पर आपत्ति जताई और उनसे मुसलमानों को नमाज के लिए जगह मुहैया कराने को कहा क्योंकि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
कई हफ्तों से हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में होने वाली जुमे की नमाज़ का विरोध हो रहा है। इस बीच बीते रोज़ सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खट्टर ने कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी।
खुले स्थानों पर नमाज अदा करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में सीएम ने गुरुग्राम में कहा, ‘‘यहां (गुरुग्राम) खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी लेकिन हम सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे।’’