लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के दो गुटों में बंटने के बाद अब चिराग पासवान पसोपेश में है और वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। सियासी घमासान के बीच चिराग ने कहा कि परिवार ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा है तो बीजेपी ने मंझधार में छोड़ दिया। अब उन्होंने पुराने वादों का जिक्र कर बीजेपी से साथ देने की उम्मीद जताई है तो राजद नेता तेजस्वी यादव को छोटा भाई बताया है।
चिराग ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को याद दिलाया कि बिहार में जब नीतीश कुमार ने उनका साथ छोड़ दिया था तब उनकी पार्टी एलजेपी मजबूती के साथ एनडीए के साथ खड़ी थी। चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम और खुद को हनुमान बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि 'हनुमान का राजनीतिक वध होता देख राम खामोश नहीं रहेंगे।'
चिराग पासवान ने कहा, "मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे।"
चिराग पासवान ने कहा है कि सीएए, एनआरसी समेत सभी फैसलों में मैं बीजेपी के साथ खड़ा रहा हूं। वहीं नीतीश कुमार इससे असहमत थे। अब बीजेपी को तय करना है कि आने वाले दिनों में वे मेरा समर्थन करेंगे या नीतीश कुमार का साथ देंगे।
दूसरी तरफ चिराग पासवान ने कहा है कि मेरे पिताजी (स्वर्गीय रामविलास पासवान) और लालू यादव काफी घनिष्ठ मित्र रहे हैं। मैं और तेजस्वी यादव एक दूसरे को बचपन से ही जानते हैं और हम लोग काफी अच्छे दोस्त हैं। तेजस्वी मेरे छोटे भाई के समान हैं। बिहार में जब चुनाव का समय आएगा तब पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला लेगी।
चिराग पासवान ने कहा, "मेरे परिवार के लोगों ने ही मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, फिलहाल मुझे अपनी पार्टी को शून्य से उस मुकाम पर लेकर जाना है जहां पापा पार्टी को हमेशा लेकर जाना चाहते थे।"
बता दें कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान की तरफ एक बार फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। तेजस्वी ने पहले चिराग को साथ आने का ऑफर दिया और अब उनकी पार्टी 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी। इस मौके पर पार्टी दफ्तर में उनकी फोटो पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता माल्यार्पण करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि उसी दिन राजद का स्थापना दिवस भी है तो उससे संबंधित कार्यक्रम उसके बाद होंगे।