जाखड़ ने कहा, एक ओर अकाली दल उस सरकार में भागीदार है जिसने सुप्रीम कोर्ट में पानी के मुद्दे पर पंजाब के खिलाफ स्टैंड लिया है जबकि दूसरी ओर अकाली मंत्री हरसिमरत कौर बादल उसी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। जाखड़ ने कहा, अकाली दल को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए। वह पंजाब के हितों के साथ है या एनडीए सरकार के साथ? उन्होंने बताया कि यदि पंजाब का पानी दूसरे राज्यों को दिया जाता है तो इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव पंजाब के दक्षिणी जिलों में ही होगा जो टेल एंड पर हैं। यहां तो अभी भी पानी नसीब नहीं होता, जमीन का पानी खारा होने के कारण खेतों में लगाया नहीं जा सकता।
पार्टी का दूसरा निशाना केजरीवाल भी होंगे। केजरीवाल हाल ही में अपनी पांच दिनों की यात्रा पूरी करके दिल्ली लौटे हैं। वह भी तीन दिन मालवा में, एक दिन माझा और एक दिन दोआबा में लगाकर गए हैं। केजरीवाल उन गांवों में गए जहां कर्ज में डूबे किसानों ने आत्महत्याएं की हैं या नशों के मकड़जाल में फंसकर जान गंवाई है। बंद हो रही इंडस्ट्री भी उनके एजेंडे पर थी। केजरीवाल ने विपक्ष की वोट को अपनी ओर करने का जो मोमैंटम तैयार किया है, कांग्रेस उसे ध्वस्त करना चाहती है। और मौजूदा मुद्दा वैसे भी कांग्रेस के हक में ही ज्यादा जाता है। एनडीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर पंजाब के जिस एक्ट का विरोध किया है वह 2005 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही पास किया था।
पंजाबःपानी के मुद्दे पर कांग्रेस की यात्रा
पंजाब में पानी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साधेगी। पहला अकाली दल और दूसरा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर। कांग्रेस पार्टी अगले हफ्ते से पंजाब के अबोहर के गांव गुमजाल से यात्रा शुरू करने जा रही है। इसमें अबोहर, मलोट, गिदड़बाहा, बठिंडा, मानसा और संगरूर जिलों के गांवों में जाकर लोगों को एकजुट किया जाएगा। विपक्ष के पूर्व नेता सुनील जाखड़ ने इस यात्रा को शुरू करने की पुष्टि की है लेकिन कहा है कि अभी तारीख फाइनल नहीं है। संभव है, अगले शनिवार से यह शुरू होगी। उन्होंने बताया, पूरा एक महीना लोगों को एकजुट करने के बाद बैसाखी पर बड़ा प्रदर्शन करने का प्रोग्राम है, पूरा प्रोग्राम एक दो दिनों में तय करके ही बताया जाएगा।

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