कांग्रेस नेता एवं सांसद शशि थरूर ने राजनीतिक विवाद की वजह बने अपने एक हालिया आलेख का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि उन्होंने पूर्ववर्ती संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सरकार के दौरान हुई औद्योगिक प्रगति का उल्लेख जानबूझकर नहीं किया।
थरूर ने देर रात मलयाली में ‘फेसबुक’ पर लिखा, “मेरे आलेख में मुख्य रूप से मौजूदा उद्योग मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़े पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिन्होंने कहा था कि माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की सामान्य नीति औद्योगिक निवेश के अनुकूल नहीं रही है और इसमें बदलाव हुए हैं।”
थरूर ने यह स्पष्टीकरण एक अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित उनके आलेख से शुरू हुए राजनीतिक विवाद के जवाब में दिया।
आलेख में उन्होंने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के दौरान केरल में उद्यमशीलता के विकास की प्रशंसा की थी। थरूर की पार्टी ने उनके दावों के आधार पर सवाल उठाए, हालांकि माकपा ने आलेख की सराहना की।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने थरूर की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर राज्य में यूडीएफ के कार्यकाल के दौरान औद्योगिक क्षेत्र की उपलब्धियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
थरूर ने ‘फेसबुक पोस्ट’ में कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि उनके आलेख में पिछली ओमन चांडी सरकार के दौरान की गई प्रौद्योगिकीय प्रगति का उल्लेख नहीं किया गया है। थरूर ने कहा, “यह चूक अनजाने में हुई।”
थरूर ने यूडीएफ की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि पी. के. कुन्हालीकुट्टी के नेतृत्व में केरल में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गईं और पर्याप्त विकास हुआ। कुन्हालीकुट्टी पिछली ओमन चांडी सरकार में उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे।
‘पोस्ट’ में कहा गया कि राज्य का पहला वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएम) भी ए. के. एंटनी सरकार के दौरान पी. के. कुन्हालीकुट्टी के नेतृत्व में आयोजित किया गया था।
इससे पहले शनिवार को केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने थरूर के आलेख पर सवाल उठाकर बहस छेड़ दी थी।बाद में कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने भी सांसद की टिप्पणियों से जुड़े संदर्भ के बारे में पूछा।
थरूर ने सतीशन के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा था कि नेता प्रतिपक्ष को आलेख पढ़ना चाहिए। थरूर ने कहा कि उन्होंने यह आलेख “तथ्यों, दस्तावेजों, आंकड़ों और तारीखों के साथ-साथ “ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट” और "केरल के प्रदर्शन" के आधार पर लिखा है।
कांग्रेस द्वारा थरूर के आलेख के आधार पर सवाल उठाए जाने के बाद माकपा ने उनका बचाव करते हुए कहा कि थरूर ने केवल तथ्य बताए हैं।