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नोटबंदी से मौतों पर आजाद की टिप्पणी के समर्थन में आई शिवसेना

मोदी सरकार की प्रमुख सहयोगी शिवसेना आज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान की हिमायत में उतरी जिसमें आजाद ने नोटबंदी पर भाजपा पर हमला करते हुए विमुद्रीकरण से होने वाली मौतों की तुलना उड़ी आतंकवादी हमले में मरने वालों से की थी।
नोटबंदी से मौतों पर आजाद की टिप्पणी के समर्थन में आई शिवसेना

भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने कहा कि टिप्पणियों के लिए आजाद से माफी मंगवाने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अपनी टिप्पणियों के लिए आजाद से माफी की मांग की थी लेकिन कांग्रेस नेता ने उसकी यह मांग ठुकरा दी। शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में सवाल किया गया, अगर आजाद ने माफी मांग ली तो क्या सच्चाई बदल जाएगी। संपादकीय में कहा गया, उड़ी हमले में 20 जवान शहीद हुए थे। नोटबंदी के चलते 40 शूरवीर देशभक्तों ने बलिदान दिया। शिवसेना मुखपत्रा ने कहा, हमलवरों में फर्क है। उड़ी में पाकिस्तानियों का हमला हुआ और नोटबंदी का हमला हमारे शासनकर्ताओं ने किया। भाजपा सहयोगी ने कहा, महंगाई, मंदी, बेरोजगारी के चलते मरने वालों की तादाद 40 से 40 लाख हो जाएगी तो सरकार कहेगी यह देशभक्ति का बलिदान है। शिवसेना ने कहा, ऐसे में एक दिन कहीं पूरे देश को ही शहीद कहने की नौबत न आए।

शिवसेना नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार पर हमले कर रही है और सत्ता पक्ष में होने के बावजूद उसने इस मुद्दे पर प्रदर्शन में विपक्षी पार्टियों से हाथ मिलाया। दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात की थी और नोटबंदी विरोधी प्रदर्शन में शिवसेना की भागीदारी पर भाजपा की नाराजगी जताई थी। बहरहाल, सेना अपनी आलोचना में यह कहते हुए डटी रही कि इसको बेहतर ढंग से लागू किया जा सकता था।

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