दिल्ली के मुख्यमंत्री की मांगों के समर्थन में बुधवार को शाम चार बजे आप कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास से उपराज्यपाल निवास तक विरोध मार्च निकाला जिसे पुलिस ने बेरिकेडिंग कर बीच में ही रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। विरोध मार्च को समर्थन देने पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र की भाजपा सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘यह सरकार तीन लोगों की स्कूटर पार्टी बनकर रह गई है। अच्छा है मैंने आज के छुटभैयों के साथ काम नहीं किया।‘ आम आदमी पार्टी ने अपना संघर्ष रखने की चेतावनी देते रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करने और कल शाम राजघाट पर मोमबत्ती जुलूस निकालने की घोषणा की है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो तीन दिनों से यहाँ जो घटनाचक्र देखने को मिल रहा है, उससे हर देशवासी चिंतित है| दिल्ली कोई साधारण नहीं राज्य हैं, यह देश की राजधानी है। यहां जो भी होता है उस पर देश और दुनिया में संदेश जाता है। इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री रहे अटल विहारी वाजपेई के साथ काम किया है और अगर वह पीएम होते तो गृहमंत्री को साफ कहते कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के साथ बैठो और मसले का हल निकालो लेकिन गृहमंत्री ने इस मसले में कोई पहल नहीं की। अच्छा हुआ मैंने आज के छुटभैयों के साथ काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरे मित्र शत्रुघ्न सिन्हा ठीक कहते थे कि अब यह स्कूटर पार्टी बन गई है जिस पर तीन लोग सवार हो सकते हैं।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि यहां आने से पहले वह एलजी हाउस गए और एलजी से मिलने की कोशिश की लेकिन एलजी होते हुए उन्हें यह कह दिया कि वह नहीं है। एलजी तो एक प्यादा है वह वही करेगा जो केंद्र सरकार कहेगी लेकिन उसके पास कोई आदेश नहीं है जिससे दिल्ली के यह हालात हो गए हैं। मैं केजरीवाल के धरने में रचनात्मक भूमिका निभा सकता था लेकिन एलजी की ओर से यह मौका नहीं दिया गया। केंद्र की सरकार सोई हुई है और उसके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। उन्होंने आप कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि जब तक दिल्ली को न्याय नहीं मिले तब तक अपना संघर्ष जारी रखनी चाहिए और इस आंदोलन को उन्हें मौजूदा हालात और ताकत देनी होगी।
शाम चार बजे आप कार्यकर्ताओं ने जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री निवास से उपराज्यपाल निवास की ओर कूच किया लेकिन पुलिस ने बीच में रोक लिया। इस दौरान आप नेताओं ने कहा कि जनता के लिए किये जा रहे कामों की फाइल रोकना केंद्र सरकार का हर रोज का काम बन गया है, ऐसे लोकतंत्र नहीं चलता, लोकतंत्र जनता के कहने पर चलता है, दिल्ली के लोग अपने अधिकार हासिल करके रहेंगे। पिछले साढ़े तीन साल से दिल्ली में जो जनहित के काम व्यवस्थित रूप से चल रहे थे अचानक से ठप्प हो गए, कोई भी अधिकारी काम नहीं कर रहा। इस पर एलजी साहब कोई कार्यवाही नहीं करते, क्यों ?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल दफ्तर में कुछ दिनों से धरने पर बैठे हैं। चुने हुए सीएम को समुचित सम्मान मिलना चाहिए।' उन्होंने अपील की है कि केंद्र सरकार और एलजी मामले को सुलझाएं ताकि दिल्ली की जनता पर असर न पड़े।
राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा है, 'सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी तीन दिन में पांच मिनट, जनता द्वारा निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए नहीं निकाल सकता। यह गवर्नेंस की नाकमी है। यह अरविंद केजरीवाल का नहीं जनादेश का अपमान है।'
राशन की होम डिलीवरी योजना को मंजूरी देने और आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल खत्म कराने की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीववाल तीन दिनों से उपराज्यपाल निवास पर धरनारत है तो जवाब में भाजपा विधायकों ने केजरीवाल के निवास पर धरना शुरू कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार में खासा टकराव बढ़ गया है। इससे पहले आप नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर सवाल दागे तो उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने पत्र लिखकर एलजी से जवाब मांगा।