जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लगातार तीसरे दिन नए वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही और बुधवार को कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी।
उन्होंने साथ ही पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व में तीन विपक्षी सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी कार्यवाही संबंधी नियमों और तकनीकी पहलुओं का हवाला देते हुए अस्वीकार कर दिया।
भाजपा सदस्य भी बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने का अवसर दिए जाने की मांग करते हुए आसन के करीब पहुंच गए। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक ने उनके साथ हुई हाथापाई के मुद्दे को उठाने की कोशिश की। तीन घंटे के स्थगन के दौरान सदन के बाहर भाजपा विधायकों और पीडीपी के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मलिक की झड़प हुई थी।
विधानसभा में पिछले दो दिनों से वक्फ मुद्दे पर पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित रही, क्योंकि अध्यक्ष ने वक्फ मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
बुधवार को एक बार फिर नेकां के सदस्य वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन की मांग को लेकर सदन के बीचों-बीच आ गए, जबकि भाजपा के बलवंत सिंह मनकोटिया ने बेरोजगारी की समस्या पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया कि यह कोई हालिया घटना नहीं है।
नेकां के विधायक नजीर अहमद खान गुरेजी ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए इस विषय पर 30 मिनट की चर्चा की अनुमति दें ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके।
गुरेजी ने कहा, “यह (वक्फ संशोधन अधिनियम) मुसलमानों के साथ अन्याय है और हिंदू-मुस्लिम मामलों पर राजनीति करने वाली भाजपा बेरोजगारी का मुद्दा उठाकर सदन में नाटक कर रही है।”
गुरेजी ने कहा, “वे पिछले 10 वर्षों से सत्ता में थे और उन्हें सदन को बताना चाहिए कि उन्होंने कितने लोगों को रोजगार दिया है।"
गुरेजी ने भाजपा पर क्षेत्र को नष्ट करने और भूमि व नौकरियों से जुड़े लोगों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सदस्य दोनों पक्षों के विधायकों की नारेबाजी के बीच आसन के समक्ष आ गए। उनमें से कुछ ने धरना भी दिया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सुबह, नेकां विधायकों और उनके गठबंधन सहयोगियों ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए विधानसभा परिसर में बैठक की, लेकिन बैठक से सदन में व्यवस्था कायम करने में मदद नहीं मिली।