हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों के नियोजित प्रदर्शन के एक दिन पहले जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत सोमवार को क्षेत्र में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं कई किसान संघों ने 7 सितंबर को करनाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आह्वान किया है।
दरअसल, 28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में करनाल में एक भव्य पंचायत के आयोजन के बाद कई विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के आह्वान के बाद यह आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत जिला प्रशासन ने पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने के आदेश के साथ ही नियोजित रूट डायवर्जन के साथ ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चादुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को करनाल में बड़ी पंचायत होगी, जिसके बाद किसान मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा, 'मंगलवार सुबह करनाल की नई अनाज मंडी में किसान जुटेंगे।'
इस बीच कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों की एक संस्था संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मांगें पूरी नहीं होने पर 7 सितंबर को करनाल मिनी सचिवालय की घेराबंदी करने की धमकी दी है।
बता दें कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक के विरोध में करनाल की ओर जा रहे एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें 10 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। एसकेएम ने कहा था कि आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की भी मांग की थी।
जिसके बाद हरियाणा सरकार ने बुधवार को करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा सहित 19 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। उन्हें अब नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में तैनात किया गया है।