हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख मोहन लाल बडोली को लेकर की गई अपनी टिप्पणी के मामले में पार्टी के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। बडोली ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर 71 वर्षीय विज को सोमवार को नोटिस जारी कर तीन दिन में लिखित जवाब देने को कहा गया था।
ऊर्जा और परिवहन मंत्री विज ने मंगलवार रात को नोटिस का आठ पृष्ठ का जवाब दिया। विज ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह तीन दिन के लिए बेंगलुरु में थे और मंगलवार शाम को लौटे। उन्होंने कहा, "समय सीमा से पहले, मैंने जवाब दे दिया है। जवाब में, मैंने उल्लेख किया कि अगर उन्हें (पार्टी को) किसी और चीज का जवाब चाहिए, तो मैं वह भी दे दूंगा।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जवाब में दी गई जानकारी मीडिया के साथ साझा कर सकते हैं, तो विज ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह (जवाब) सीलबंद लिफाफे में भेजा गया है और इसके बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता।" एक अन्य सवाल के जवाब में विज ने पार्टी की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का जिक्र करते हुए कहा, "यह मीडिया में कैसे आया, इसकी जांच होनी चाहिए। एक गोपनीय संदेश मीडिया में कैसे लीक हो गया, अगर पार्टी चाहे तो इसकी जांच कराए।"
विज ने कहा कि नोटिस की प्रति मिलने से पहले ही उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिल गई थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बडोली ने सोमवार को विज को जारी नोटिस में कहा था, ‘‘आपको सूचित किया जाता है कि आपने हाल ही में पार्टी (प्रदेश) अध्यक्ष (बडोली) और मुख्यमंत्री के पद के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिए हैं। ये गंभीर आरोप हैं और पार्टी की नीति तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं।’’
नोटिस में कहा गया था, ‘‘हम आपसे तीन दिन के अंदर इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण देने की अपेक्षा करते हैं।’’ अंबाला छावनी से सात बार के विधायक विज (71) ने हाल में मुख्यमंत्री सैनी पर निशाना साधा था। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। उन्होंने दावा किया था कि विज नाराज नहीं हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है।
पिछले सप्ताह विज ने कुछ तस्वीरें साझा की थीं और दावा किया था कि सैनी के एक ‘‘मित्र’’ के साथ देखे गए ‘‘कार्यकर्ता’’ एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ भी देखे गए थे, जिसे उन्होंने 2024 में राज्य विधानसभा चुनाव में हराया था। विज ने पिछले साल अक्टूबर में अपने अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था और निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराकर सातवीं बार विधायक बने थे।
विज ने 31 जनवरी को कहा था कि उन्हें चुनाव में हराने की कोशिश करने वाले अधिकारियों सहित उन लोगों के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाए हुए 100 दिन से अधिक हो गए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। विज ने सैनी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘पदभार संभालने के बाद से वह (सैनी) ‘उड़न खटोला’ (हेलीकॉप्टर) पर सवार हैं। अगर वह नीचे आए, तो उन्हें लोगों की पीड़ा दिखाई देगी।’’
इससे पहले तीस जनवरी को विज ने अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि अपने अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की खातिर वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन पर जाने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले विज ने कहा था कि बलात्कार के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद बडोली को हिमाचल प्रदेश पुलिस की जांच में निर्दोष पाए जाने तक पार्टी की ‘‘शुचिता’’ बनाए रखने के लिए हरियाणाा प्रदेश भाजपा प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पिछले सप्ताह बडोली और गायक रॉकी मित्तल पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक महिला समेत छह लोगों पर जबरन वसूली और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाल में बडोली और मित्तल के खिलाफ कथित सामूहिक बलात्कार मामले में एक अदालत में मामला रद्द करने की रिपोर्ट दायर की थी।
विज की मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के साथ भी खींचतान रही थी। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।