कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता में चल रही खींचतान अब दिल्ली पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता के लिए चल रही रस्साकशी को लेकर राहुल गांधी ने दोनों को इंतज़ार करने का संदेश दिया है। लेकिन सवाल यह है कि यह इंतज़ार कब तक चलेगा?
सिद्धारमैया ने दिल्ली में कर्नाटक भवन में अपने समर्थकों के बीच आत्मविश्वास के साथ कहा, "कोई जगह खाली नहीं है, मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री रहूंगा।" वहीं, डीके शिवकुमार ने धैर्य के साथ राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा। दोनों नेताओं की उम्मीद थी कि वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सत्ता के समीकरण सुलझा लेंगे, लेकिन राहुल गांधी ने उस दिन गुजरात के नेताओं से मुलाकात को प्राथमिकता दी। सूत्रों के मुताबिक, दोनों को राहुल से मिलने का समय नहीं दिया गया था। इसके बजाय, कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दोनों से कई घंटों तक बात की। राहुल और शीर्ष नेतृत्व ने संदेश दिया कि कर्नाटक को अभी इंतज़ार करना होगा और चुनावी वादों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस में हमेशा से दो बड़े नेताओं के बीच सत्ता की लड़ाई चुनौती रही है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी राहुल गांधी ने नेतृत्व बदलने से मना किया था, लेकिन वहां स्थिति कभी सामान्य नहीं रही। कर्नाटक में भी यही कहानी दोहराई जा रही है। सिद्धारमैया ने दावा किया कि वे पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे और कोई सत्ता साझेदारी का समझौता नहीं है। दूसरी ओर, शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि अनिश्चितता बहुत लंबी हो चुकी है। बीजेपी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सिद्धारमैया पर तंज कसा, कहते हुए कि राहुल ने उन्हें अपमानित किया।