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'टाइगर जिंदा है', 2004 का इतिहास दोहराएगा विपक्ष: जयराम रमेश का दावा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जीत के दावे को...
'टाइगर जिंदा है', 2004 का इतिहास दोहराएगा विपक्ष: जयराम रमेश का दावा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जीत के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि ‘टाइगर जिंदा है’ और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) 2004 का वह इतिहास इस बार दोहराएगा, जब ‘भारत उदय’ अभियान के बावजूद भाजपा को पराजित किया गया था।

रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि मजबूत कांग्रेस से ही मजबूत विपक्ष बन सकता है और ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए निकाली जा रही है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ यात्रा निकाली जा रही है और दूसरी तरफ चुनाव की तैयारियां जारी हैं तथा चुनाव शुरू होने से पहले तक यह यात्रा संपन्न भी हो जाएगी। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार चुनाव जीतने के भाजपा के दावे के संबंध में सवाल किए जाने पर रमेश ने कहा कि वह उन्हें (भाजपा को) यह बताना चाहते हैं कि ”टाइगर जिंदा है।”

उन्होंने कहा, ‘2003 में हम छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव हार गए थे, लोगों ने कांग्रेस को खारिज कर दिया था, लेकिन 2004 में कांग्रेस ने सरकार बनाई। उस समय ‘भारत उदय’ था। इतिहास अपने आप को फिर दोहराएगा।’

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2004 की लोकसभा चुनाव में ‘भारत उदय’ चुनावी अभियान चलाया था। उस चुनाव में भाजपा को हार मिली थी और कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) की सरकार बनी थी।

यह पूछे जाने पर कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ विपक्ष के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, रमेश ने कहा, ‘कमजोर कांग्रेस, मजबूत विपक्ष नहीं बना सकती। मजबूत कांग्रेस ही मजबूत विपक्ष बना सकती है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए है।’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही यात्रा की बुनियाद संविधान की प्रस्तावना के चार स्तंभ-न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता हैं।

उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद चुनावी नहीं, बल्कि सिर्फ वैचारिक है। रमेश ने कहा, ‘हमारे देश में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं। चुनाव हमारे देश के लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन की तरह है। ऐसा नहीं है कि हमने चुनाव के मद्देनजर इस यात्रा का मार्ग तैयार किया है। हमने पहले ही कहा था कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा निकाली है और पूरब से पश्चिम की तरफ यात्रा निकालेंगे। यह पूरी तरह से वैचारिक यात्रा है।’

रमेश ने कहा, ‘हमारे संविधान की प्रस्तावना के चार स्तंभ है, न्याय, स्वतंत्रता समता और बंधुता। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समय हमने मुख्य रूप से स्वतंत्रता, समता और बंधुता की बात की थी। अब हम न्याय की बात कर रहे हैं। इस वैचारिक जंग में पहला कदम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का था और दूसरा कदम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार अमृत काल की बात बार-बार कर रही है, लेकिन पिछले 10 साल में हुए ‘अन्याय काल’ की कोई चर्चा नहीं हो रही। रमेश ने दावा किया कि अमृतकाल एक स्वप्न है, ‘अन्याय काल’ एक दुःस्वप्न है।

 

 

 

 

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