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नीतीश को राज्यपाल पर भरोसा क्यों नहीं?

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार को राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर भरासा नहीं। वह राज्यपाल की शिकायत करने राष्ट्रपति के पास दिल्ली पहुंचे हैं।
नीतीश को राज्यपाल पर भरोसा क्यों नहीं?

नीतीश कुमार अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। वह यहां राष्ट्रपति को 130 विधायकों के साथ दो व्यावसायिक विमानों में दिल्ली पहुंचे हुए हैं। वह राष्ट्रपति को अपने समर्थकों की संख्या दिखाना चाहते हैं।  राज्य में कुल 243 विधानसभा सीट हैं। वर्तमान विधानसभा सदस्यों की संख्या 233 हैं। यही बात वह पहले बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को भी बता चुके हैं। लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो नीतीश ने दिल्ली का रुख किया।

इतना तय है कि मांझी के साथ अब जेडीयू के ज़्यादातर विधायक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी भी उन्हें साथ लेने में कोई उत्साह नहीं दिखा रही है। नीतीश का पलड़ा भारी है। लेकिन कभी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके वर्तमान राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर नीतीश भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। त्रिपाठी उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर भी रहे चुके हैं। तब भी उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा।

यह हमारे लोकतंत्र की एक जटिलता है कि राजनीतिक पार्टियों के व्यक्तियों को राष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर बिठाकर उनसे पार्टी निरपेक्ष व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है।

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