कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी के शासन वाले कर्नाटक में गिग वर्कर के लिए जारी किया गया अध्यादेश एक ऐतिहासिक कदम है और इससे अन्याय का अंत होगा तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को प्लेटफॉर्म-आधारित गिग वर्कर को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया। अध्यादेश में एक कल्याण बोर्ड की स्थापना और गिग वर्कर के लिए एक समर्पित कल्याण कोष बनाने का प्रस्ताव है। ‘गिग वर्कर्स’ उन श्रमिकों को कहा जाता है जिनका काम अस्थायी होता है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ रेटिंग नहीं, हक़ चाहिए, इंसान हैं हम, ग़ुलाम नहीं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान जब मैं गिग वर्कर्स से मिला, तो ये शब्द मेरे दिल में उतर गए।’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है और एक ऐसा अध्यादेश लाई है जो गिग वर्कर्स को अधिकार, सुरक्षा और सम्मान देता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये कामगार दिन-रात हमारे लिए खाना, ज़रूरी सामान और सेवाएं पहुंचाते हैं, गर्मी, सर्दी और बारिश तक की परवाह नहीं करते। लेकिन अक्सर उन्हें बिना किसी वजह से नौकरी से हटा दिया जाता है, बीमार होने पर उन्हें छुट्टी नहीं मिलती, और उनकी मेहनत की कमाई एक गुप्त एल्गोरिदम से तय होती है।’
राहुल गांधी के मुताबिक, अब अन्याय खत्म होगा और इस नए कानून से सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, न्यायसंगत अनुबंध होगा, वेतन निर्धारण में पारदर्शिता आएगी और मनमानी ऐप ब्लॉकिंग का अंत होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी से तरक्की भी होनी चाहिए और इंसाफ़ भी मिलना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘राजस्थान ने शुरुआत की। कर्नाटक ने रास्ता दिखाया। अब तेलंगाना की बारी है। गिग और प्लेटफ़ॉर्म आधारित काम से नए अवसर बन रहे हैं और बड़ा बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के केंद्र में मज़दूरों के अधिकार होने चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यही हमारा नजरिया है और हम इसे हर राज्य और पूरे देश में लेकर जाएंगे।’