एक नए शोध में दावा किया गया है कि समय से पहले पैदा हुए बच्चों को जन्म के पहले महीने स्तनपान कराया जाए तो भविष्य में उनका बौद्धिक स्तर यानी आइक्यू अच्छा रहने की संभावना बढ़ जाती है।
यूनीसेफ ने भारत के बाल श्रम कानून में बदलावों पर गंभीर चिंता जताई है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कहा कि ये बदलाव बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने की इजाजत देते हैं और जोखिम भरे कामों की सूची कम करते हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में काम करने वाली और संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा पिछले महीने काबुल में अगवा कर ली गई एक भारतीय महिला को मुक्त करा लिया गया है।
बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) गुरुवार को 107 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। सुबह के कारोबार में एक समय बंबई शेयर बाजार की सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण1,07,00,756 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने आज चीन को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन का कोई ऐतिहासिक अधिकार नहीं है और चीन इस बारे में जो दावे करता है उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से पहले राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करते हुए चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका और जापान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चीन को सतर्क रहना चाहिए।
ब्रिटेन की तेल खोज एवं उत्खननकर्ता कंपनी केयर्न एनर्जी ने भारत में अपनी इकाई के खिलाफ पिछली तारीख से कर लगाने के नोटिस को लेकर भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर के मुआवजे की मांग की है। भारत सरकार की ओर से 29,047 करोड़ रुपये की यह कर मांग 10 साल पुराने मामले से संबंधित है। इसमें 10,247 करोड़ रुपये की मूल कर मांग और 18,800 करोड़ रुपये ब्याज शामिल है।
एक मणिपुरी महिला ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उसे नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे लंबे चरखे का अनावरण मंगलवार को हुआ। चरखा महात्मा गांधी के आदर्शों-विचारों के साथ भारत के सर्वांगीण विकास और सद्भावना का प्रतीक है।
चीन द्वारा एनएसजी में प्रवेश बाधित करने को लेकर भारत की कड़ी प्रतिक्रियाओं के बीच चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने कहा है कि भारत अब भी 1962 के युद्ध की मानसिकता मे अटका हुआ है। समाचार पत्र ने बीजिंग के रुख का अधिक तथ्यपरक मूल्यांकन किए जाने की अपील की।