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विश्व कप: ऑस्ट्रेलिया ने 343 का लक्ष्य दिया, इंग्लैंड पस्त

विश्व कप: ऑस्ट्रेलिया ने 343 का लक्ष्य दिया, इंग्लैंड पस्त

विश्व कप के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के समक्ष नौ विकेट गंवाकर जीत के लिए 343 रनों का लक्ष्य ‌दिया। पूल बी के पहले मैच में मेजबान टीम न्यूजीलैंड ने जिस तरह श्रीलंका को बड़े अंतर से हराया, अब लगता है दूसरी मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया भी उसी राह पर है।
विश्व कप: ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 111 रन से हराया

विश्व कप: ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 111 रन से हराया

विश्व कप के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के समक्ष नौ विकेट गंवाकर जीत के लिए 343 रनों का लक्ष्य ‌दिया लेकिन इंग्लैंड की टीम 231 रनों पर ही ऑल आउट हो गई।
विश्व कपः क्वालीफाइंग दौर में नेपाल से खेलेगा भारत

विश्व कपः क्वालीफाइंग दौर में नेपाल से खेलेगा भारत

भारत रूस में होने वाले फीफा विश्व कप 2018 के पहले क्वालीफाइंग दौर के मुकाबले में नेपाल से खेलेगा। क्वालीफाइंग दौर के डा आज कुआलालम्पुर स्थित एएफसी मुख्यालय में निकाले गए।
मिस्र में फुटबॉल मैच लाया मौत

मिस्र में फुटबॉल मैच लाया मौत

मिस्र की राजधानी काहिरा में फुटबॉल मैच के दौरान 30 लोगों की मौत हो गई। एक मैच के दौरान स्टेडियम में प्रवेश को लेकर फुटबाल प्रेमियों और पुलिस के बीच का संघर्ष इसकी वजह बना। इस घटना में कई लोग घायल भी हैं।
कब बनेगी टीम इंडिया?

कब बनेगी टीम इंडिया?

पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी अब तक टीम इंडिया का चुनाव न होने से हैरान हैं। बेदी का मानना है कि विश्व कप में दस दिन से भी कम समय बचा है और भारत अपनी मुख्य टीम की पहचान तक नहीं पा रहा है। इससे टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
उपदेश नहीं उदाहरण की जरूरत

उपदेश नहीं उदाहरण की जरूरत

बिना भारतीय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के क्या पाकिस्तानी आतंकवादी भी मुंबई में संहार कर सकते थे? उनके पास चार-चार सौ डॉलर के नोट मिले। कुछ रिपोर्टों के अनुसार समुद्र मार्ग से अवैध घुसपैठ कराने के लिए तटरक्षकों की रिश्वत दर 400 डॉलर है। अन्य रिपोर्टों के अनुसार कथित कठोर प्रशासन वाले गुजरात की कई मछुआरी नौकाएं विदेशी तस्करों के साथ संलिप्त हैं और शायद इसीलिए आतंकवादी ऐसी एक नौका को इतनी सरलता से गिरफ्त में लेकर मुंबई आ सके। लेकिन आतंकवादी विरोधी कठोर कानून, पाकिस्तान को कठोर कार्रवाई की धमकी और कुछ नेताओं का इस्तीफा मांगने वाले कभी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों नहीं दिखाते?
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