वैसे भारतीय प्रधानमंत्री की कजाखिस्तान यात्रा प्रोटोकॉल के विरूद्ध है क्योंकि मनमोहन सिंह की 2011 की कजाखिस्तान यात्रा के बाद अब कजाख राष्ट्रपति को भारत दौरे पर आना चाहिए था, लेकिन उम्मीद की जाती है है कि मोदी की कजाखिस्तान यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग के कई मुद्दों को गति प्रदान करने में मददगार साबित होगी।
व्यापमं घोटाले की पड़ताल करने गए इंडिया टुडे समूह के टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय मौत से मीडिया जगत में शोक और आक्रोश व्याप्त है। रविवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर हुए अक्षय के अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई जाने-माने लोग शामिल हुए। लेकिन अभी तक उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की एसआईटी से जांच कराने का भरोसा दिलाया है जबकि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अक्षय की मौत हार्ट अटैक से होने का दावा कर रहे हैं।
दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन के लिए नए सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक प्रस्तावित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण के तहत सोमवार को दक्षिण कोरिया पहुंच गए है। अपनी इस यात्रा के दौरान वह दक्षिण कोरियाई नेतृत्व के साथ आर्थिक एवं व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने से जुड़े विषयों पर वार्ताएं करेंगे।
राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के सदस्यों ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिससे शून्यकाल में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई।
अब तो कालिया को पूछना पड़ेगा, ‘तेरा क्या होगा गब्बर?’ पूरी फिल्म देखते हुए लगता है हीरो का नाम गब्बर सिर्फ इसलिए है कि शोले के कुछ कालजयी संवादों को दोबारा कहा जा सके। यह अलग बात है कि यहां गब्बर खलनायक नहीं नायक है
‘गब्बर इज बैक’ का दर्शकों के साथ अक्षय को भी बेसब्री से इंतजार है। अक्षय की प्रतिष्ठा इस फिल्म के साथ जुड़ी हुई है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले इससे जुड़ी खबरें तरह-तरह से सामने आती हैं