पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।
सितारों से सजा भारतीय निशानेबाजी दल शनिवार को रियो ओलंपिक में अपने अभियान का आगाज करेगा और सभी की नजरें फार्म में चल रहे जीतू राय पर होंगी जबकि बीजिंग ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा भी अपने सुनहरे कैरियर को शानदार तरीके से अलविदा कहना चाहेंगे।
भारतीय टीम 31वें ओलंपिक खेलों के शुरूआती दिन ही निशानेबाज जीतू राय से पदक की उम्मीद लगाये होगी जबकि पुरूष हाकी टीम अपनी स्वर्णिम प्रतिष्ठा दोबारा हासिल करने की मुहिम में अपना अभियान शुरू करेगी। उनतीस वर्षीय जीतू ओलंपिक शूटिंग सेंटर के जब अपनी पसंदीदा 10 मी एयर पिस्टल स्पर्धा में अपनी पिस्टल उठायेंगे तो वह सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे।