ओलंपिक शूटिंग सेंटर में 28 साल के जीतू छह सीरीज के क्वालीफाइंग राउंड के बाद 12वें स्थान पर रहे। वह पांचवीं सीरीज के बाद चौथे स्थान पर थे लेकिन अंतिम सीरीज में खराब प्रदर्शन के साथ बाहर हो गए। जीतू का स्कोर 554 रहा। ओलंपिक में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में उतरे सेना के इस दुनिया के तीसरे नंबर के निशानेबाज ने हवा के बीच तीसरी और अंतिम सीरीज में खराब प्रदर्शन किया। शीर्ष आठ निशानेबाजों को ही फाइनल में जगह मिलती है।
नेपाल में जन्में जीतू ने अपनी स्पर्धा के बाद पीटीआई से कहा, सपना टूट गया, क्या करूं। इस दौरान जीतू के टीम के साथियों और राष्ट्रीय पिस्टल कोच स्मिरनोव पावेल ने उन्हें सांत्वना दी। जीतू को वियतनाम के होएंग शुआन विन्ह ने भी सांत्वाना की जिन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीता था जहां जीतू फाइनल में आठवें स्थान पर रहे थे।
जीतू ने कहा, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और दबाव में नहीं था लेकिन मुझे नहीं पता कि अंतिम सीरीज में क्या हुआ। शायद मैं भाग्यशाली नहीं था। जीतू अंतिम सीरीज में शीर्ष आठ में शामिल थे लेकिन उनके पास समय की कमी थी क्योंकि अंतिम 10 शाट के लिए उनके पास सिर्फ 15 मिनट बचे थे और उन्हें निशाना साधने में दिक्कत हो रही थी।
जीतू को निशाना लेने के बाद हवा के कारण रुकते हुए देखा गया। जब यह घोषणा हुई कि सिर्फ पांच मिनट बचे हैं तो ऐसा लगा कि जीतू ने अंतिम तीन शाट जल्दबाजी में लगाए। इस भारतीय निशानेबाज को अंतिम दिन शाट में तीन 10 की जरूरत थी लेकिन वह 9, 7 और 10 अंक ही जुटा पाए। उन्होंने अंतिम सीरीज में बेहद लचर प्रदर्शन करते हुए 88 का स्कोर बनाया। कई आईएसएसएफ विश्व कप, विश्व चैम्पियनशिप, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता जीतू ने क्वालीफिकेशन में 91 से शुरुआत की और फिर दूसरी सीरीज में 95 का स्कोर बनाया। अगली तीन सीरीज में इस भारतीय ने 90, 94 और 95 अंक जुटाए जिसमें पांचवीं सीरीज में 10 अंक के चार स्कोर शामिल रहे जिससे इस सीरीज के समाप्त होने के बाद वह चौथे स्थान पर पहुंच गए थे। सेना का यह निशानेबाज हालांकि अंतिम सीरीज में आठ अंक के दो स्कोर के साथ 88 अंक ही बना सका। उन्होंने अंतिम शाट में 10 अंक जुटाए लेकिन यह अपने पहले ओलंपिक में एलीमिनेशन से बचने के लिए काफी नहीं था।
तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया के जिन जोंगहो का प्रदर्शन हालांकि हवा से प्रभावित नहीं हुआ और वह 567 अंक के साथ क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहे। उन्होंने समय की चेतावनी मिलने से पांच मिनट पूर्व ही अपने 60 शाट पूरे कर लिए थे और कभी परेशानी में नहीं दिखे।
जीतू को हालांकि अनुभव की कमी खली। उन्होंने कहा, अब मुझे ओलंपिक स्पर्धा की जानकारी है। मैं अब इसके अनुसार तैयारी कर सकता हूं। मैं इस अनुभव का भविष्य में इस्तेमाल करना चाहूंगा। जीतू ने कहा कि उन्हें नई शुरुआत करनी होगी और भविष्य के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा, मुझे धैर्य नहीं खोना चाहिए और भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। मैं कड़ा अभ्यास करूंगा और संघर्ष जारी रखूंगा। इससे पहले जीतू 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में जगह बनाने के बाद आठ निशानेबाजों में सबसे पहले बाहर हो गए थे। (एजेंसी)