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Search Result : "अनिल माधव दवे"

मुफ्ती से क्यों मिले राम माधव?

मुफ्ती से क्यों मिले राम माधव?

अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई की पृष्ठभूमि में भाजपा के महासचिव राम माधव ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्राr मुफ्ती मोहम्मद सईद से मुलाकात की और गठबंधन सहयोगियों के बीच बेहतर तालमेल का आह्वान किया।
गोरे रंग का मर्सिया

गोरे रंग का मर्सिया

अनिल करमेले की कविताओं में विविध रंग हैं। जहां वह समाज पर चोट करते हैं वहीं प्रेम पर वह सौम्यता से बातें रखते हैं।
मतंग सिंह का जलवा है कायम

मतंग सिंह का जलवा है कायम

भले ही शारदा चिंट फंड घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को सीबीआई ने हिरासत में लिया हो लेकिन संबंधों के चलते उनका जलवा आज भी कायम है।
भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनाने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बनाते दिख रहे हैं। लेकिन अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों को लेकर जो सवाल हैं वह हल हो जाएगा।
भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की हार क्या हुई पार्टी नेताओं के आपसी झगड़े सामने आने लगे। इसकी शुरूआत हरियाणा से हुई जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदेश के स्वास्‍थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने मोर्चा खोल दिया है।
गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

विदेश सचिव सुजाता सिंह की जबरन विदाई के बाद गृह सचिव अनिल गोस्वामी की बर्खास्तगी से केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठने लगा है। गोस्वामी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शारदा घोटाले में गिरफ्तार न किए जाने की पहल का आरोप था।
क्यों गई अनिल गोस्वामी की कुर्सी?

क्यों गई अनिल गोस्वामी की कुर्सी?

पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शारदा घोटाले में गिरफ्तार न किए जाने की पहल करना केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को भारी पड़ गया।
खनन धंधेबाजी के सरपरस्त

खनन धंधेबाजी के सरपरस्त

वित्त मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम की नीतियों से निजी कंपनी वेदांता को हुआ सीधा लाभ, हर्षद मेहता घोटाले के बाद से ही एक-दूसरे के साथ हैं चिदंबरम और वेदांता के मालिकान
सुरक्षा पर मूंदी आंख

सुरक्षा पर मूंदी आंख

संवेदनशील रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पूर्व कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लि. (बालको) को पूरी तरह से एक विदेशी कंपनी वेदांता के हाथों में देने की तैयारी चल रही है।
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