मणिपुर में करीब पांच माह से जारी यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) की आर्थिक नाकेबंदी आज मध्यरात्रि से समाप्त हो गई है। केंद्र, राज्य सरकार और नगा समूहों की बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है।
मणिपुर विधानसभा चुनाव में नगा संगठनों की नाकेबंदी की वजह से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीद फंस गई है। जबकि इस बार वहां पर मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के शासनकाल के दौरान सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन की वजह से भाजपा की संभावना दिख रही थी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा है कि मणिपुर में आर्थिक नाकेबंदी कांग्रेस का खेल है और वह इसे सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भेजे गए केंद्रीय बलों को मुख्यमंत्री बैरकों में ही रखे हुए हैं।
मणिपुर में राजमार्गों पर एक नगा समूह द्वारा अनिश्चितकालीन नाकेबंदी करने से उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र ने आज चेतावनी दी कि किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही केंद्र ने अवैध कार्रवाई को मानवता के प्रति अपराध बताया।
नेपाल के आंदोलनकारी मधेसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर अपनी करीब पांच महीने की नाकेबंदी आज खत्म कर दी जिससे नए संविधान के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण ईंधन, दवाओं और दूसरी आपूर्तियों की भीषण कमी से जूझ रहे देश को राहत मिली है।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में नेपाल सरकार ने अनुपातिक प्रतिनिधित्व एवं निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन से संबंधित मधेसियों की दो अहम मांगों का समाधान करने के लिए नए संंविधान में संशोधन का फैसला किया है। इस कदम का भारत द्वारा स्वागत किए जाने की संभावना है।
दक्षिणी नेपाल में एक प्रमुख राजमार्ग पर मधेसी प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी को हटाने की कोशिश में सुरक्षाकर्मियों के गोली चलाने से कम से कम 4 व्यक्ति मारे गए और कई घायल हो गए। चार मधेसी पार्टियों को मिलाकर बने मधेसी मोर्चे और सरकार के बीच संविधान संशोधन पर वार्ता असफल रहने के बाद नेपाल में फिर हिंसा भड़क उठी है।