सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री अनुपमा जायसवाल आज बहराइच के एक थाना परिसर में शराब की बोतल देख भड़क उठीं। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए पुलिस अधीक्षक से जांच करने को कहा।
आम आदमी पार्टी पंजाब में टिकट बंटवारे और उसके बाद पंजाब के पार्टी संय़ोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटाने के बाद पार्टी दो फाड़ नजर आ रही है। पार्टी में पंजाब बनाम दिल्ली का राग अलापा जा रहा है। एक ओर पार्टी कार्यकर्ता बोल रहे हैं कि दिल्ली से आए संजय सिंह और दुर्गेश पाठक का पंजाब के मामलात में दखल कम किया जाए और पार्टी से जुड़े पंजाब के लोगों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार दिए जाएं।
बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले पाठक का पार्टी छोड़ना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कर्नाटक में आईपीएस अधिकारी ने एक मंत्री का फोन होल्ड पर रखा तो आनन फानन में उसका तुरंत ट्रांसफर कर दिया गया। महिला आईपीएस अधिकारी ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद वह कहां हैंं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। डीएसपी अनुपमा शेनॉय के इस्तीफे पर सीएम सिद़धरमैया ने कहा कि वह इस मसले पर कुछ नहीं जानते हैं।
न्यूयार्क शहर ने एक अनूठे सम्मान के तौर पर इस साल 14 अप्रैल को बिंदेश्वर पाठक दिवस घोषित किया। न्यूयार्क के मेयर ने भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक के सबसे अमानवीय स्थिति में काम करने वाले लोगों के जीवन को सुधारने की दिशा में दिए गए योगदान को मान्यता देते हुए ऐसा किया।
इन दिनों आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। इस कड़ी में वरिष्ठ महिला पत्रकार चंदर सुता डोगरा आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गई हैं। बुधवार को डोगरा ने पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, राष्ट्रीय संगठनात्मक सचिव दुर्गेश पाठक, पंजाब के कनवीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर और सांसद भगवंत मान की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी का दामन थामा।
भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। कल जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में