प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को बड़ा झटका लगा है। इस अभियान की मुखिया और गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी जोशी ने अचानक नौकरी छोड़ने का फैसला किया है।
सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
गुरदासपुर जिले के एक पुलिस थाने में घुसे सशस्त्र उग्रवादियों ने कल सात व्यक्तियों को मार डाला था। इनमें चार नागरिक और बलजीत सिंह सहित तीन पुलिसकर्मी शामिल थे। इनकी मौत से सदमे मे आए परिवार के लोग अब सरकार से खफा हैं।